इधर उधर से

रविवार, 19 अक्टूबर 2014

बेवफा

वो शर्मिन्दा भी नही अपनी बेवफाई पे 

मैं जिंदा हूँ इस लिए, कि बेवफा न था..
प्रस्तुतकर्ता BS Pabla पर 8:40 pm कोई टिप्पणी नहीं:
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