इधर उधर से
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015
इरादा
ज़िन्दगी बीत गयी मनाने में
अब इरादा है रूठ जाने का
1 टिप्पणी:
कविता रावत
28 जनवरी 2016 को 12:48 pm बजे
यदि अब बारी उनकी ...
बहुत सुन्दर
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यदि अब बारी उनकी ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर