एक बाग मेँ एक फूल पर एक भँवरा और एक तितली बैठा करते थे.. कुछ समय बाद वो एक दुसरे से मोहब्बत करने लगे थे
वक्त के साथ उनकी मोहब्बत इतनी गहरी हो गयी थी कि उनमेँ से एक दुसरा नहीँ दिखता तो वो बैचेन होने लगते
एकदिन तितली ने भँवरे से कहा कि मैँ तुमसे जितना प्यार करती हुँ तुम उतना प्यार नहीँ करते...
वक्त के साथ उनकी मोहब्बत इतनी गहरी हो गयी थी कि उनमेँ से एक दुसरा नहीँ दिखता तो वो बैचेन होने लगते
एकदिन तितली ने भँवरे से कहा कि मैँ तुमसे जितना प्यार करती हुँ तुम उतना प्यार नहीँ करते...
इस बात को लेकर दोनोँ मेँ शर्त लग गयी कि जो ज्यादा प्यार करता है वो कल सुबह इस फूल पर पहले आकर बैठेगा.... शाम को इस शर्त के साथ दोनो घर चले गये.....
जबरदस्त ठंड होने के बावजूद तितली सुबह जल्दी आकर फूल पर बैठ गयी... लेकिन भँवरा अभी तक नहीँ आया था...
तितली बहुत खुश थी क्योँकि वो शर्त जीत चुकी थी....कुछ देर बाद धुप से फूल खिला तो तितली ने देखा कि भँवरा फूल के अँदर मरा पङा है... क्योँकि वो शाम को घर गया ही नहीँ था और ठंड से मर गया.....
इश्क वो जज्बा है जिसमेँ इश्क करने वाले हदेँ तोङ दिया करते
हैँ....सच्ची मोहब्बत किसी की आजमाया नहीँ करते।
हैँ....सच्ची मोहब्बत किसी की आजमाया नहीँ करते।
भंवरे के घर पर डेस्टाप कंप्यूटर और ब्राडबैड का कनेक्शन न रहा होगा।
जवाब देंहटाएंसीख- प्यार इतना भी न करो कि रात को घर ही न जाओ।
ha ha ha
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