बुधवार, 3 सितंबर 2014

अचानक

चलते चलते अचानक पीछे मुङकर देखा...
तो कुछ यादें हँस रहीं थी, और कुछ रिश्ते दम तोड़ रहे थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें